GST Return Filing in Varanasi - GST With Nitesh


GST Return Filing in Varanasi - चाहे आप कोई दुकान चलाते हों, बिज़नेस करते हों या प्रोफेशनल हों। हमारी टीम में ऐसे टैक्स एक्सपर्ट हैं जो आपका रिटर्न बिल्कुल सही और बिना किसी परेशानी के फाइल करते हैं। हमारे पास अनुभवी लोग हैं जो आपका काम आसानी से और समय पर करवा देते हैं। अगर आपको वाराणसी में GST से जुड़ी कोई भी मदद चाहिए, तो आज ही हमसे जुड़ें।"

                                                             Let's Get in Touch

✅ GST Return Filing in Varanasi – सम्पूर्ण गाइड

GST (Goods and Services Tax) भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में जुलाई 2017 से लागू हुआ एक ऐतिहासिक सुधार है। “One Nation, One Tax” की सोच के साथ यह टैक्स सिस्टम कई पुराने टैक्सों को एक छत के नीचे लाकर व्यापारियों और उद्यमियों के लिए प्रक्रियाओं को आसान बनाता है।

वाराणसी जैसे व्यापारिक और औद्योगिक शहर में, GST रिटर्न फाइलिंग न केवल कानूनी ज़िम्मेदारी है, बल्कि व्यापार की सुचारू संचालन और विकास के लिए अनिवार्य भी है।



🧾 GST Return क्या होता है?

GST Return वह दस्तावेज़ होता है जिसमें टैक्सपेयर की बिक्री, खरीद, टैक्स लायबिलिटी और इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का विवरण दिया जाता है। सरकार इसी रिटर्न के आधार पर टैक्स निर्धारित करती है।

  • 👉 बिक्री (Outward Supply) का विवरण
  • 👉 खरीद (Inward Supply) का विवरण
  • 👉 ITC और टैक्स लायबिलिटी की गणना


👤 वाराणसी में किन्हें GST Return फाइल करना ज़रूरी है?

वाराणसी में GST में रजिस्टर्ड सभी व्यक्ति, जैसे:

  • व्यापारी (Traders)
  • मैन्युफैक्चरर
  • सेवा प्रदाता (Service Providers)
  • फ्रीलांसर, स्टार्टअप, SME
  • ई-कॉमर्स विक्रेता

GST Return भरना अनिवार्य है, भले ही कोई लेन-देन न हो (NIL Return भी भरना होता है)।



किसे-किसे फाइल करना होता है:

  • Regular Taxpayers – Monthly या QRMP में
  • Composition Scheme – तिमाही में CMP-08, वार्षिक GSTR-4
  • TDS/TCS Deductors
  • ISD, Casual/Non-resident Taxpayers


📄 GST Return Filing के लिए आवश्यक दस्तावेज़

  • ✅ GSTIN और व्यापार की बेसिक जानकारी
  • ✅ सेल और परचेज इनवॉइस
  • ✅ क्रेडिट/डेबिट नोट्स
  • ✅ ITC और टैक्स पेमेंट डिटेल्स
  • ✅ बैंक स्टेटमेंट, एक्सपोर्ट/इम्पोर्ट इनवॉइस
  • ✅ E-Way Bill (यदि लागू हो)

🌐 Varanasi में GST Return Online कैसे फाइल करें?

Step-by-Step प्रक्रिया:

  1. Login करें: gst.gov.in पर लॉगिन करें
  2. Return चुनें: Dashboard > Return > GSTR-1 / GSTR-3B
  3. विवरण भरें: बिक्री, खरीद, ITC डिटेल्स
  4. दस्तावेज़ अपलोड करें: और DSC या OTP से Verify करें
  5. Tax Payment करें: और Return Final Submit करें


🎯 GST Return Filing के फायदे

  • ✅ कानूनी अनुपालन (Legal Compliance)
  • ✅ ITC क्लेम कर सकते हैं और टैक्स बचत होती है
  • ✅ बैंक लोन व टेंडर के लिए रिकॉर्ड तैयार
  • ✅ पेनल्टी से बचाव
  • ✅ व्यापार की विश्वसनीयता बढ़ती है


🌟 हमसे GST Return Filing क्यों कराएं? (Why Choose Us?)

सुविधा आपका फ़ायदा
🧑‍💼 Expert Guidance अनुभवी GST प्रोफेशनल द्वारा सटीक फाइलिंग
⏱️ Time-Saving हम आपका समय बचाते हैं और सब काम समय पर करते हैं
✅ Compliance Assurance रिटर्न में कोई गलती नहीं – पेनल्टी से सुरक्षा
📞 24/7 Support कभी भी पूछें सवाल, तुरंत समाधान मिलेगा
🔄 Start to End Support रजिस्ट्रेशन से लेकर रिटर्न सब कुछ हम करते हैं



🤝 हमारी अतिरिक्त सेवाएं:

  • ✔️ GST Registration
  • ✔️ GST Return Filing – Regular, Regular QEMP और Composition दोनों
  • ✔️ GSTR-1, GSTR-3B, GSTR-4, GSTR-9 Filing
  • ✔️ MSME / Udyam Registration, Update & Modification
  • ✔️ Excel Services
  • ✔️ Accounting Services - Monthly bookkeeping ( Coming Soon )
  • ✔️ Income Tax Services ( Coming Soon )
  • ✔️ Monthly Summary Reports


📌 GST से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)


1. GST Return कब-कब फाइल करना होता है?

  • GST रिटर्न महीने में एक बार या तीन महीने में एक बार फाइल करना होता है। QRMP स्कीम वालों को तिमाही GSTR-1 और मंथली GSTR-3B भरना होता है।

2. अगर कोई सेल या परचेज नहीं है तो NIL Return भरना ज़रूरी है क्या?

  • हां, NIL Return भी भरना ज़रूरी है, भले ही कोई ट्रांजेक्शन ना हो। यह नियम सभी रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स पर लागू होता है।

3. GST लेट फाइल करने पर कितनी पेनल्टी लगती है?

  • लेट फाइलिंग पर ₹50/दिन (₹25 CGST + ₹25 SGST) या ₹20/दिन (NIL Return के लिए) की लेट फीस लगती है, साथ ही इंटरेस्ट भी लगता है।

4. Composition Scheme में रजिस्टर होने के फायदे और नुकसान क्या हैं?

  • फायदे: कम रेट पर टैक्स, सरल रिटर्न। नुकसान: ITC नहीं ले सकते, इंटरस्टेट सप्लाई नहीं कर सकते।

5. Regular और Composition Scheme में क्या फर्क है?

  • Regular Scheme में मासिक रिटर्न और ITC का लाभ होता है, जबकि Composition Scheme में फिक्स्ड रेट टैक्स होता है लेकिन ITC नहीं मिलता।

6. GSTR-2B क्या है और ITC के लिए क्यों ज़रूरी है?

  • GSTR-2B एक ITC रिपोर्ट है जो हर महीने 14 तारीख को फिक्स रूप से जनरेट होती है। यह ITC क्लेम को वैरिफाई करने के लिए आवश्यक है।

7. अगर ITC गलत क्लेम हो गया तो क्या करें?

  • गलत ITC को अगली GSTR-3B में रिवर्स करना होगा और उस पर इंटरेस्ट देना पड़ सकता है।

8. GSTR-1 और GSTR-3B में फर्क क्या है?

  • GSTR-1 में डिटेल्ड सेल्स की जानकारी होती है, जबकि GSTR-3B एक समरी रिटर्न है जिसमें टैक्स पेमेंट होता है।

9. क्या एक बार फाइल किया गया GST Return रिवाइज हो सकता है?

  • नहीं, GST रिटर्न को रिवाइज करने का विकल्प नहीं होता। आपको अगले महीने की रिटर्न में करेक्शन करना पड़ता है।

10. QRMP स्कीम क्या है और कौन अप्लाई कर सकता है?

  • QRMP स्कीम के तहत टर्नओवर ₹5 करोड़ से कम वाले टैक्सपेयर्स को तिमाही GSTR-1 और मंथली GSTR-3B फाइल करने की सुविधा मिलती है।

11. E-Invoice क्या होता है और कब से लागू है?

  • E-Invoice एक इलेक्ट्रॉनिक चालान है जो बड़े व्यापारियों पर लागू होता है। वर्तमान में ₹5 करोड़ से ऊपर के टर्नओवर वालों पर यह अनिवार्य है।

12. ITC मैच नहीं हो रहा GSTR-2A से तो क्या करना चाहिए?

  • अगर ITC GSTR-2A से मैच नहीं हो रहा है, तो सप्लायर से संपर्क करें और उसे GSTR-1 में सुधार करने के लिए कहें।

13. GST रजिस्ट्रेशन कब ज़रूरी होता है?

  • जब आपकी टर्नओवर ₹40 लाख (गुड्स) या ₹20 लाख (सर्विस) से अधिक हो जाती है या आप इंटरस्टेट सप्लाई करते हैं, तो GST रजिस्ट्रेशन लेना अनिवार्य है।

14. अगर बिज़नेस बंद हो जाए तो GST रजिस्ट्रेशन कैसे कैंसिल करें?

  • आप GST पोर्टल पर लॉगिन कर “Application for Cancellation” फॉर्म भरकर रजिस्ट्रेशन को ऑनलाइन कैंसिल कर सकते हैं।

15. GST Notice आ गया है – अब क्या करें?

  • GST Notice का तुरंत जवाब दें। नोटिस में मांगी गई जानकारी समय से पोर्टल पर जमा करें, वरना पेनल्टी या एक्शन हो सकता है।

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